Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Oct 2019 · 1 min read

जय हो

मुझे पता नही ये मैंने क्या लिखा है, पर कुछ तो है…
अपने आप को बचाईये, अपने होने को जाया मत जाने दीजिए ;
युद्ध जब धर्म के नाम हो जाय, तो लोग पागल पशुओं की तरह मारे जाने लगते हैं।
इस लिए तब ज्यादा जरूरी हो जाता है धर्म और पाखंड में अंतर् करना।
उसके बिना न आप खुद के पतन को रोक सकते हैं न समाज के पतन को।
अब निर्णय आप का है…जय हो
…सिद्धार्थ
जब कोई देश को दोनों हांथों से लूटे और गर्त की ओर ले जाए फिर भी देशवासी उसे विकास पुरुष समझें।
इसे ही राजन्त्र की अगुआई करना कहा जाना चाहिए।
लोकतंत्र के जीर्ण पीठ पे राजतन्त्र की सवारी चली आ रही है
और हम आंख फाड़े मुंह बाये विकास देख रहे हैं…जय हो
…सिद्धार्थ

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 1 Comment · 206 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मतिभ्रष्ट
मतिभ्रष्ट
Shyam Sundar Subramanian
जीवन में ईमानदारी, सहजता और सकारात्मक विचार कभीं मत छोड़िए य
जीवन में ईमानदारी, सहजता और सकारात्मक विचार कभीं मत छोड़िए य
Damodar Virmal | दामोदर विरमाल
प्रेम को भला कौन समझ पाया है
प्रेम को भला कौन समझ पाया है
Mamta Singh Devaa
2477.पूर्णिका
2477.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मां शैलपुत्री
मां शैलपुत्री
Mukesh Kumar Sonkar
कर गमलो से शोभित जिसका
कर गमलो से शोभित जिसका
प्रेमदास वसु सुरेखा
हुनर मौहब्बत के जिंदगी को सीखा गया कोई।
हुनर मौहब्बत के जिंदगी को सीखा गया कोई।
Phool gufran
माँ दुर्गा मुझे अपना सहारा दो
माँ दुर्गा मुझे अपना सहारा दो
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
बचपन
बचपन
नूरफातिमा खातून नूरी
दादी माँ - कहानी
दादी माँ - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
এটি একটি সত্য
এটি একটি সত্য
Otteri Selvakumar
उपहार उसी को
उपहार उसी को
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
"प्रीत की डोर”
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
"यदि"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़़ज़ल
ग़़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
जब सब्र आ जाये तो....
जब सब्र आ जाये तो....
shabina. Naaz
निर्लज्ज चरित्र का स्वामी वो, सम्मान पर आँख उठा रहा।
निर्लज्ज चरित्र का स्वामी वो, सम्मान पर आँख उठा रहा।
Manisha Manjari
पिता का साया
पिता का साया
Neeraj Agarwal
चुपचाप सा परीक्षा केंद्र
चुपचाप सा परीक्षा केंद्र"
Dr Meenu Poonia
Work hard and be determined
Work hard and be determined
Sakshi Tripathi
सोशल मीडिया, हिंदी साहित्य और हाशिया विमर्श / MUSAFIR BAITHA
सोशल मीडिया, हिंदी साहित्य और हाशिया विमर्श / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
💐प्रेम कौतुक-510💐
💐प्रेम कौतुक-510💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
खुश वही है , जो खुशियों को खुशी से देखा हो ।
खुश वही है , जो खुशियों को खुशी से देखा हो ।
Nishant prakhar
अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑ ये खाई क्यों है
अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑ ये खाई क्यों है
VINOD CHAUHAN
घर के किसी कोने में
घर के किसी कोने में
आकांक्षा राय
"आज की रात "
Pushpraj Anant
दुम
दुम
Rajesh
धूम भी मच सकती है
धूम भी मच सकती है
gurudeenverma198
गर गुलों की गुल गई
गर गुलों की गुल गई
Mahesh Tiwari 'Ayan'
Hasta hai Chehra, Dil Rota bahut h
Hasta hai Chehra, Dil Rota bahut h
Kumar lalit
Loading...