जय हिंद
अमरूद बेचने वाली एक औरत की टोकरी बार-बार ट्रेन में एक बच्ची से टकरा रही थी । उसके पिता उस औरत पर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे थे, “अपनी टोकरी का ध्यान क्यों नहीं रखती हो ?” वह औरत बेचारी अपनी टोकरी को इधर-उधर कर लेती, फिर कुछ देर के बाद उस व्यक्ति ने अपना लैपटॉप निकाला और अपनी पत्नी से ऑनलाइन बातचीत करने लगा ,पास ही खड़ी टोकरी में अमरूद ली औरत उस व्यक्ति को देख रही थी उसने लैपटॉप के बारे में पूछा , “इससे मेरी भी अपने बेटे से बात हो जाएगी ?” उस व्यक्ति ने पूछा “क्या करता है तुम्हारा बेटा “। औरत का सीना चौड़ा हो गया वह बोली “फौज में है देश की सेवा कर रहा है ,मेरा बेटा” वह आदमी किंकर्तव्यविमूढ़ हो गया और थोड़ा सा खिसक कर बोला” बैठो दीदी ,तुम्हारे बेटे पर तुम्हें ही नहीं हम सब को गर्व है ,जय हिंद”।