*जय सियाराम राम राम राम…*
मन बोले राम राम राम
पवन पुत्र हनुमान के
जिया में बसे जय सियाराम
राम सिया राम…
सिया के चंद्रमुख पर
जो छाया हर्षोउल्लास
वहीं है जय सियाराम राम…..
जो दशरथ के वचन ना तोड़े
मां के मातृत्व मे
चले जाए वनवास,
जय सियाराम राम राम ….
14 वर्ष का वनवास जिया
लक्ष्मण से अपार प्रेम किया
दशरथ नंदन सियापति राम राम….
सत्य ,दया ,करुणा, धर्म
और सदाचार का रखते ख्याल सदा
वही सियाराम राम, राम ,राम..
सहनशीलता और धैर्य का
इनमें मिलता वास,
सब के मुख पर एक ही नाम
जय सियाराम राम, राम …..
कौशल्या के राघव ,सिया के रघु
रामचरितमानस तुलसीदास
जय सियाराम राम राम राम…
हरमिंदर कौर ,अमरोहा (उत्तर प्रदेश)