Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Sep 2021 · 2 min read

जय सियाराम जय-जय राधेश्याम …

भज लो भगत तुम जय-जय राम ……
जय सियाराम जय-जय राधेश्याम … 2
होंगे पूरे तेरे सब अरमान … 2
भज सियाराम चाहे भज राधेश्याम
भज लो …

जाना क्या अयोध्या नगरी ……
क्या जाना द्वारिकापुरी
कण-कण में हैं बसते राम ……
यज्ञ हवन में हैं घनश्याम
जहाँ भी पुकारो आएंगे भगवान … 2
दिल से पुकारो करेंगे कल्याण
भज लो …

फूल ना हो तो ना ही सही ……
भोग ना हो तो ना ही सही
मंत्र ना आए कोई बात नहीं ……
भक्तों का कोई जात नहीं
प्रेम से बोलो हरे राम हरे श्याम … 2
दौड़े-दौड़े चले आएंगे भगवान
भज लो …

प्रभु को ना धन की लालसा है ……
जानो क्या इनकी मनसा है
जो भी उसने हमको दिया ……
वही लौटाना उसे कैसा है
किसी बेसहारा को सहारा जो दिया … 2
जैसे नचाओ नाचेंगे भगवान
भज लो …

फूल को खुशबू जिसने दिया ……
उसको क्या दे पाओगे
कितना कुछ वो तुमको दिया ……
बाँटो तो कर्ज उतारोगे
ऐसा जो किया तो भक्ता बात मेरी मान … 2
तुझपे इतरायेंगे भगवान
भज लो …

ईश्वर को तू साथी बना ……
ना चल पाए तो बैसाखी बना
जीवन का हमराही बना ……
अपना सब कुछ उसको बना
तेरे सुख में खुश होंगे श्रीराम … 2
तेरे दुःख में रोयेंगे घनश्याम
भज लो …

जग ने हाथ छुड़ाया है ……
महेश ने भोले को मनाया है
अपनों ने जहाँ तनहा किया ……
भक्ति में प्रीत लगाया है
सोच-विचार में क्यों हो परेशान … 2
साथ हैं अपने राम घनश्याम
भज लो …

******************************************

✍️✍️✍️✍️✍️ by :
Mahesh Ojha
8707852303
maheshojha24380@gmail.com

1 Like · 1328 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*पाए हर युग में गए, गैलीलियो महान (कुंडलिया)*
*पाए हर युग में गए, गैलीलियो महान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जब कभी मन हारकर के,या व्यथित हो टूट जाए
जब कभी मन हारकर के,या व्यथित हो टूट जाए
Yogini kajol Pathak
दुख
दुख
Rekha Drolia
मुक्तक
मुक्तक
डॉक्टर रागिनी
"भावनाएँ"
Dr. Kishan tandon kranti
पुरूषो से निवेदन
पुरूषो से निवेदन
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
रिश्ते , प्रेम , दोस्ती , लगाव ये दो तरफ़ा हों ऐसा कोई नियम
रिश्ते , प्रेम , दोस्ती , लगाव ये दो तरफ़ा हों ऐसा कोई नियम
Seema Verma
2452.पूर्णिका
2452.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
पीकर भंग जालिम खाई के पान,
पीकर भंग जालिम खाई के पान,
डी. के. निवातिया
"मनभावन मधुमास"
Ekta chitrangini
अंधविश्वास का पुल / DR. MUSAFIR BAITHA
अंधविश्वास का पुल / DR. MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
त्याग
त्याग
AMRESH KUMAR VERMA
बाढ़
बाढ़
Dr.Pratibha Prakash
दर्द
दर्द
Shyam Sundar Subramanian
उलझनें तेरे मैरे रिस्ते की हैं,
उलझनें तेरे मैरे रिस्ते की हैं,
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
मैं नहीं, तू ख़ुश रहीं !
मैं नहीं, तू ख़ुश रहीं !
The_dk_poetry
हर शायर जानता है
हर शायर जानता है
Nanki Patre
सविनय निवेदन
सविनय निवेदन
कृष्णकांत गुर्जर
🌹ओ साहिब जी,तुम मेरे दिल में जँचे हो🌹
🌹ओ साहिब जी,तुम मेरे दिल में जँचे हो🌹
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मुहब्बत
मुहब्बत
बादल & बारिश
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
विचार, संस्कार और रस [ दो ]
विचार, संस्कार और रस [ दो ]
कवि रमेशराज
संबंधों के नाम बता दूँ
संबंधों के नाम बता दूँ
Suryakant Dwivedi
एक
एक "स्वाभिमानी" को
*Author प्रणय प्रभात*
*अज्ञानी की कलम  *शूल_पर_गीत*
*अज्ञानी की कलम *शूल_पर_गीत*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
प्रथम दृष्टांत में यदि आपकी कोई बातें वार्तालाभ ,संवाद या लि
प्रथम दृष्टांत में यदि आपकी कोई बातें वार्तालाभ ,संवाद या लि
DrLakshman Jha Parimal
ना फूल मेरी क़ब्र पे
ना फूल मेरी क़ब्र पे
Shweta Soni
जीवन जीते रहने के लिए है,
जीवन जीते रहने के लिए है,
Prof Neelam Sangwan
हक औरों का मारकर, बने हुए जो सेठ।
हक औरों का मारकर, बने हुए जो सेठ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
इश्क पहली दफा
इश्क पहली दफा
साहित्य गौरव
Loading...