Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jan 2024 · 1 min read

जय श्री राम

जय श्री राम
बिछा पलकें नदी सरयू निहारे राम आएँगे।
बनी दुल्हन अवध नगरी पुकारे राम आएँगे।।

सियापति राम मर्यादा सिखाते हैं ज़माने को।
निभा रिश्ते गले हँसकर लगाते हैं ज़माने को।
सभी प्यारे सभी के बन सहारे राम आएँगे।

आर.एस.’प्रीतम’

1 Like · 492 Views
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all

You may also like these posts

अधिकार और पशुवत विचार
अधिकार और पशुवत विचार
ओंकार मिश्र
नफरतों से अब रिफाक़त पे असर पड़ता है। दिल में शक हो तो मुहब्बत पे असर पड़ता है। ❤️ खुशू खुज़ू से अमल कोई भी करो साहिब। नेकियों से तो इ़बादत पे असर पड़ता है।
नफरतों से अब रिफाक़त पे असर पड़ता है। दिल में शक हो तो मुहब्बत पे असर पड़ता है। ❤️ खुशू खुज़ू से अमल कोई भी करो साहिब। नेकियों से तो इ़बादत पे असर पड़ता है।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
रक्षा बंधन
रक्षा बंधन
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
हक मिल जाए
हक मिल जाए
संतोष बरमैया जय
Interest
Interest
Bidyadhar Mantry
जिस दिन
जिस दिन
Santosh Shrivastava
पितृपक्ष की विडंबना
पितृपक्ष की विडंबना
Sudhir srivastava
తేదీ
తేదీ
Otteri Selvakumar
“चिट्ठी ना कोई संदेश”
“चिट्ठी ना कोई संदेश”
DrLakshman Jha Parimal
अपने प्रयासों को
अपने प्रयासों को
Dr fauzia Naseem shad
तहजीब राखिए !
तहजीब राखिए !
साहित्य गौरव
सुख और दुःख को अपने भीतर हावी होने न दें
सुख और दुःख को अपने भीतर हावी होने न दें
Sonam Puneet Dubey
संवेदना मर रही
संवेदना मर रही
Ritu Asooja
*सर्वप्रिय हिंदी (पॉंच दोहे)*
*सर्वप्रिय हिंदी (पॉंच दोहे)*
Ravi Prakash
चार दिशाएँ
चार दिशाएँ
Dr. Kishan tandon kranti
तुम नहीं आए...
तुम नहीं आए...
Meera Thakur
"अहम्" से ऊँचा कोई "आसमान" नहीं, किसी की "बुराई" करने जैसा "
ललकार भारद्वाज
दौर - ए - कश्मकश
दौर - ए - कश्मकश
Shyam Sundar Subramanian
#ਦੋਸਤ
#ਦੋਸਤ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
सुखी जीवन मंत्रा
सुखी जीवन मंत्रा
विजय कुमार अग्रवाल
सफलता के लिए हमें अनुभव के साथ तर्कसंगत की भी आवश्कता है, तभ
सफलता के लिए हमें अनुभव के साथ तर्कसंगत की भी आवश्कता है, तभ
Ravikesh Jha
2542.पूर्णिका
2542.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
जीवन
जीवन
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
ज्यामिति में बहुत से कोण पढ़ाए गए,
ज्यामिति में बहुत से कोण पढ़ाए गए,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
बाबा भक्त हास्य व्यंग्य
बाबा भक्त हास्य व्यंग्य
Dr. Kishan Karigar
यही सोचकर आँखें मूँद लेता हूँ कि.. कोई थी अपनी जों मुझे अपना
यही सोचकर आँखें मूँद लेता हूँ कि.. कोई थी अपनी जों मुझे अपना
Ravi Betulwala
बुद्धि सबके पास है, चालाकी करनी है या
बुद्धि सबके पास है, चालाकी करनी है या
Shubham Pandey (S P)
काश तु मेरे साथ खड़ा होता
काश तु मेरे साथ खड़ा होता
Gouri tiwari
സങ്കടപ്പുഴയിൽ.
സങ്കടപ്പുഴയിൽ.
Heera S
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
Loading...