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19 Jan 2024 · 1 min read

जय श्री राम !

!! श्रीं!!
जय सियाराम !
***************
मिलेंगे आपके दर्शन जिन्हें वे भाग्यशाली हैं ,
हमारे बाग के तो आप ही हे नाथ ! माली हैं ,
बसे हनुमंत के उर ज्यों हमारे भी बसो भगवन,
करें प्रभु कामना पूरी खड़े द्वारे सवाली हैं ।
***
राधे…राधे…!
***
महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा !
🧚‍♂️🦚🧚‍♂️

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