जय श्री राधे
राधे राधे कहने से पाप सब हैं धुल जाते
राधा का नाम ही स्वयं में परम धाम है
राधा है मार्ग सुलभ श्याम को रिझाने का
राधे को बुलाओ आ जाता स्वयं श्याम है
वृषभानुदुलारी तुम विनती हमारी सुनो
रसना ये रटती तुम्हारा नित नाम है
स्वामिनी हमारी बना लो मुझे अपना दास
हे राधारानी तुम्हे हृदय से प्रणाम है
अशोक मिश्र