जय विज्ञान
जय जवान
जय किसान के बाद
अब हुआ है
जय विज्ञान का
उद्घोष
जब हुआ तीनों का
साथ
देश का हुआ
चहुंओर विकास
और हुऐ
मजबूत हाथ
विज्ञान की
जरूरत है आज
चिकित्सा शोध
खेती उत्पादन
अंतरिक्ष में
विडम्बना है
मिसाइल टैंक
परमाणु बमों ने
विश्व को खड़ा
कर दिया
बर्बादी के कगार पर
विज्ञान ने दिखाई
नयी राह जगत को
अंधविश्वास का
किया अंत
और ज्योति जलाई
सच्चाई की
सही मायने में
सही काम के लिए
शोध करें
उपयोग करें
विज्ञान का
चारों और फै लाऐ
संदेशा ज्ञान का
स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव
भोपाल