जय मातु! ब्रह्मचारिणी,
जय मातु! ब्रह्मचारिणी,
हे! हस्त पुष्प धारिणी ।
हे!चक्र गदा सुशोभिता,
कमण्डल, माल धारिणी।।
नीलम शर्मा ✍️