जय माँ दुर्गा
घर घर विराजी
माँ दुर्गा
हैं शक्ति की
प्रतीक
करें दुष्टों का
संहार
ज्वाला हैं
काली हैं
करती दुष्टों पर
प्रहार
दे माँ
ऐसा वरदान
खाली न जाये
वीरों का वलिदान
अख॔ड अजर
अमर रहे
हिन्दुस्तान
हर इन्सान हो
खुशहाल
अनाचारियों
गद्दारों का
माँ करो
संहार
जय हो
जय हो
माँ दुर्गा
माँ ज्वाला
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल