जय जवान जय किसान
जय जवान जय किसान
बलि हमारे लालों की,
लंबी सूची सवालों की ।
दुश्मन के नाम लगा दिया,
भावनाओं को भड़का दिया।
दुश्मन को सबक सिखाने को,
सीने का साइज बताने को ।
देकर इतनी बड़ी बलि,
फिर नई एक चाल चली ।
दुश्मन पर स्ट्राइक की दिखा तड़ी,
फिर बनाई कहानी बड़ी बड़ी ।
भावों के जाल में उलझ गए,
स्ट्राइक को बदला समझ गए ।
लाल भी हमारे चले गए,
हम मतदाता बन छले गए ।
हम भावों में बहक गए,
उनके दिखने लगे तेवर नए ।
शायद अब अंधेरा दूर हुआ,
अब फूटने को नासूर हुआ ।