जय जय बजरंग
जय जय बजरंग (राजीव गण छंद)
राजीव छंद
अन्य नाम माली
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अंजना नंदन,
आपका वंदन।
पवन के सपूत,
डरते यमदूत ।
कृपा सदा करें,
झोली मम भरें।
रोज़ सुबह शाम,
भक्त भजें नाम।
आप सुनें टेर,
पड़े नहीं फेर।
दया दृष्टि डाल ,
संकट दें टाल।
अतुलित बलवान,
जय हो हनुमान।
करो देश चंग,
जय जय बजरंग।
आदि मानव लख।
फिल्मी स्वाद चख ।
दिल हुआ खट्टा ।
स्वर्ण में बट्टा।।
दयनीय मनोज।
चाह रहा डोज ।।
प्रदर्शन नंगा ।
मानो लफंगा ।
वाली वुड बली।
निकले हैं छली।
फिल्म जो बनी ।
मर्यादा हनी ।।
भद्दापन देख ।
शीश झुके नेक ।
मेंटो मन टीस ।
सुधारो कपीश।।
बिगड़े ये ढंग
सोच हुई तंग।
करो अंग भंग।
जय जय बजरंग ।
राजीव छंद विधान ÷ 18 मात्राएँ प्रति चरण 9,9 पर यति, आदि अंत का कोई विशेष नियम नहीं मिला।
गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश
17/6/23