जय जय नंदलाल की ..जय जय लड्डू गोपाल की”
-जय नंदलाल की……. जय लड्डू गोपाल”
काली काली घटा,काले काले बदरा
ऐसे कड़के, ऐसे गरजे,
घनघोर चमके बिजुरिया
देखो रे देखो कैसे
जन्मे अपने नंदलाला।
बोलो रे बोलो जय जय नंदलाल…
जय जय बोलो लड्डू गोपाल की..
ऐसे बरसे बादल
जैसे प्यासी हो धरती
देवकी की कोख से
जन्म ले रहे देवता
सब सुध बुध खोये, ऐसे हैं सोए
कोई जान ना पावे उनकी लीला।
बोलो रे बोलो जय नंदलाल की….
जय जय बोलो लड्डू गोपाल की..
चले है वासुदेव लेकर लाल को
देवकी क्या जाने अब आगे क्या हो
यमुना की लहरें देखो,
बलिहारी जाए बाल गोपाल के
छत्रछाया करके अपने फनों की
शेषनाग भी मंद मंद मुस्काए है।
बोलो रे बोलो जय नंदलाल की..
जय जय बोलो लड्डू गोपाल की..
हरमिंदर कौर
अमरोहा ( यूपी)
मौलिक रचना