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4 Feb 2024 · 1 min read

जय जगन्नाथ ! जय जगन्नाथ !!

जय जगन्नाथ ! जय जगन्नाथ !!
तव चरणों में झुक जाते हैं
अनुदिन अनुक्षण अनगिनत माथ

तुम जगपालक ! जगउद्धारक !!
तुम जगसर्जक ! जगसंहारक !!
तुम दीनबंधु ! करुणानिधान !!
देते हो सबका सदा साथ
जय जगन्नाथ ! जय जगन्नाथ !!

तुम कृपा सदा सब पर करते
सबमें आनंद भाव भरते
वह धन्य धन्य हो जाता है
रख देते जिसके शीश हाथ
जय जगन्नाथ ! जय जगन्नाथ !!

अनगिनत भक्त करते नर्तन
आते हैं , गाते गीत भजन
तव चरणों पर झुककर होते
हैं कोटि कोटि नर्तक सनाथ
जय जगन्नाथ ! जय जगन्नाथ !!

© – महेश चन्द्र त्रिपाठी

Language: Hindi
Tag: गीत
98 Views
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