*’जय गुरु देव*
गुरु की दी हुई ज़िंदगी, सदा करुँ गुरु जी बंदगी।
गुरु बिन बने न ज़िंदगी, गुरु नामे क्या शर्मिंदगी।।
ग्यान ध्यान सम्मान गुरु से, गुरु जगत पहचान।
मयंक गुरु गुण गाइए, गुरु सबद गुणोंं की खान।।
तेरा तुझमें कुछ नहीं, जो कुछ सब गुरु जान ।
मयंक गुरु की लाकड़ी, उच्च कोटि सु ग्यान ।।
अनचाही कोचिंग जाइ कै, बिरथा रुपै गवाय।
विद्यालय सद्गुरू त्याग कै, बिरथा गुरु बनाय।।