जय गणेश चतुर्थी
***** जय गणेश चतुर्थी *******
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समृद्धि, सिद्धि, सौभाग्य गणेश देवा
शिव पार्वती राज दुलारा गणेश देवा
भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष क्षण पर
धरती पर जन्मे थे प्रभु गणेश देवा
हर वर्ष गणेश चतुर्थी पर्व हैं मनाते
झांकी,पंडाल सजाते हैं गणेश देवा
मोदक ,लड्डू से सदैव भोग लगाते
मूषक की सवारी करते गणेश देवा
कोई भी शुभकार्य, शुभमुहूर्त आता
प्रथम पूजनीय होता है गणेश देवा
गजानन,बप्पा,विध्नहर्ता, विनायक
सुमुख,कपिल,विकट है गणेश देवा
गुरुदेव गणेश की जन आरती गावे
मन मांगा फल दे देता गणेश देवा
गणों के स्वामी एकदंत हैंं सृष्टि पर
गणपति नाम पुकारते गणेश देवा
अशोकसुंदरी,कार्तिकेय का है भाई
पार्वतीनंदन अलौकिक गणेश देवा
ऋद्धि, सिद्धि नाम की दो पत्नियाँ
शुभ और लाभ पुत्र श्री गणेश देवा
पाश और अंकुश दो हैं प्रमुख अस्त्र
जलतत्व के अधिपति हैं गणेश देवा
दुर्वा , शमी पत्र ईश्वरीय प्रिय वस्तुएँ
मनसीरत पुष्प पसंदीदा गणेश देवा
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)