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18 Oct 2016 · 1 min read

जयबालाजी; चक्र सुदर्शन ने जब रोका :: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट३४)

ताटंक ३४

चक्र सुदर्शन ने जब रोका उसको मुखमें ग्रहण किया
पूर्व गरुणके ,पहुँच द्वारिका , अहम् चूर कर सबक दिया
मुदित हुए तब राम अापके, कृष्ण और को थे, बाला !
भार द्वारिकापुरी – द्वारकी रक्षाका तुम पर डाला।।३४!!
—- जितेन्द्रकमल आनंद

Language: Hindi
323 Views

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