जमीर कहां है ?
सीमाओं को लांघ रही गज गज लंबी ज़ुबान ,
खो रहे है आवाम की नजर में अपनी आन ।
कौन खबर दार करेगा इन सियासत दारोँ को ,
इनका जमीर ! अजी छोड़िए भी ! वोह है कहां?
सीमाओं को लांघ रही गज गज लंबी ज़ुबान ,
खो रहे है आवाम की नजर में अपनी आन ।
कौन खबर दार करेगा इन सियासत दारोँ को ,
इनका जमीर ! अजी छोड़िए भी ! वोह है कहां?