जमीन के तहखाने में
शिराओं में बहता
लहू का दौरा आजकल
कम है
आसमान का रंग
जमीन के तहखाने में
कैद है
बाहर से
दिखने में ही महज लगता है
घर का हर एक दरवाजा
खुला
भीतर घुसकर तो देखो
हर एक जिस्म
अपनी ही रूह के कब्रिस्तान में
दिल की कब्र में
गमों का कफन लपेटे
दफन है।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001