जमीं से आसमान तक।
जमीं से आसमान तक की ऊंचाई नाप लेना तुम।
हमको तुमसे मोहब्बत है उतनी ये मान लेना तुम।।1।।
हर मसला हल हो जायेगा परेशां ना होना यूं तुम।
शर्त यह है बस दिनों रात खुदा का नाम लेना तुम।।2।।
पहले ही बता रहे है मुसीबत में है हम आजकल।
गलत कहने से पहले बस हालात जान लेना तुम।।3।।
हमारे मरने के बाद सब पर यूं अकीदा ना करना।
दिले बात कहने से पहले इंसा पहचान लेना तुम।।4।।
हम तो दुआ ही दे रहे है मरने के वक्त भी तुमको।
जैसे मारा इश्क में हमें और को ना मार देना तुम।।5।।
इतनी अदाओं की कयामत अच्छी नहीं हुस्न की।
मशहूर हो कातिल के नाम से ये जान लेना तुम।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ