जमाने की हवा
मर एक तारा आज फिर ,
और आकाश गंगाएं उसके इर्द गिर्द नृत्य कर रही ,
भला कोई पूछे इनसे ,
इन्हें भी जमाने की हवा कैसे लग गई?
मर एक तारा आज फिर ,
और आकाश गंगाएं उसके इर्द गिर्द नृत्य कर रही ,
भला कोई पूछे इनसे ,
इन्हें भी जमाने की हवा कैसे लग गई?