जमाना हुआ खुद से मिले
वक्त मिले तो बैठूं अपने साथ
की जमाना हुआ खुद से मिले।
करूँ कुछ शिकवे करुँ कुछ गिले
की जमाना हुआ खुद से मिले।
थे जगे ऊपर से अंदर से पर सोए
बेवजह की दुनियादारी में बिना वजह ही खोए।
दुनियादारी में खोए तो लगा पता
दुनिया है बस मतलब कि हमसे ना किसी को वास्ता।
हमसे ना किसी को वास्ता तो कैसे ये दिखावटी सिलसिले
क्यूँ ना बैठूं साथ अपने की जमाना हुआ खुद से मिले।