जब हाथ में हो किताब
जब हाथों में हो किताब,
समझ लेता यही खिताब,
पढ़कर मन को बहलाता,
दुनिया को मैं पहचानता,
जितनी बार मैं पढ़ लेता,
हर बार नया ज्ञान लेता,
पढ़ने का नशा अजब है,
शौक मेरा यह गजब है,
पढ़ -पढ़ कर मिटती वेदना,
मन में जागती मधुर चेतना,
हर पल की है यह संगिनी,
सुख दुःख की हैं रागिनी,
बचपन से लेकर आजतक,
घर बाहर तेरी ही है दस्तक,
कितनी सुंदर तेरी दुनिया,
अज्ञान के तम को तूने हराया,
पूरे होते हैं मेरे ख्वाब,
जब हाथ में हो किताब,