जब हम रंग मंच पर जाते
पहली बार पाँव कँपते हैं, जब हम रंग मन्च पर जाते,
किन्तु सतत अभ्यासी बन जो, कला मन्च का धर्म निभाते l
द्दढता, साहस, सदाचरण से, तन मन उत्साहित हो जाता,
जीवन में निर्भीक रहे जो, सदा सफलता वे नर पाते l
पहली बार पाँव कँपते हैं, जब हम रंग मन्च पर जाते,
किन्तु सतत अभ्यासी बन जो, कला मन्च का धर्म निभाते l
द्दढता, साहस, सदाचरण से, तन मन उत्साहित हो जाता,
जीवन में निर्भीक रहे जो, सदा सफलता वे नर पाते l