*जब साठ साल के हुए 【गीत】*
जब साठ साल के हुए 【गीत】
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जब साठ साल के हुए, हमारा बढ़ने प्यार लगा
(1)
दोनों घुटनों के मरीज हैं, कब जीना चढ़ पाते
हाथों में पर हाथ डालकर बाजारों में जाते
खटपट यूँ तो बढ़ी, किंतु अंतर्मन मस्ती गाता
बिना एक दूजे के क्षण-भर बिल्कुल नहीं सुहाता
अब नया व्याकरण, हम दोनों का गढ़ने प्यार लगा
(2)
आया था यमदूत, पाश ले जाने किसे पकड़ने
“पहले मुझको जाना,” कहकर दोनों लगे झगड़ने
हमसे पहले कहीं हमारा साथी चला न जाए
डरते थे हम दोनों, यह दुर्भाग्य न हर्गिज आए
परिभाषा यों रोज, प्यार की पढ़ने प्यार लगा
जब साठ साल के हुए, हमारा बढ़ने प्यार लगा
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451