Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Oct 2021 · 1 min read

जब लाद चलेगा बंजारा

बहुत जल्द दुनिया के
मेले उठ जाएंगे!
आखिरकार हम लोग
अकेले छूट जाएंगे!
खाली हाथ ही सबको
जाना है सफ़र में!
लाख पहरों के बाद भी
राही लुट जाएंगे!
हमपे पड़ेगी एक ऐसी
वक़्त की लाठी
कि हमारे सारे के सारे
घमंड टूट जाएंगे!
जिनके भीतर बसती है
आज हमारी जान
वे हमेशा-हमेशा के लिए
हमसे रूठ जाएंगे!
Shekhar Chandra Mitra
#जीवन_मृत्यु #LifeAndDeath
#Philosophy #दर्शन

Language: Hindi
283 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

प्रकृति की ओर
प्रकृति की ओर
Dr. Kishan tandon kranti
कैसा होगा मेरा भविष्य मत पूछो यह मुझसे
कैसा होगा मेरा भविष्य मत पूछो यह मुझसे
gurudeenverma198
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
भूल
भूल
Rambali Mishra
तुम क्या जानो किस दौर से गुज़र रहा हूँ - डी. के. निवातिया
तुम क्या जानो किस दौर से गुज़र रहा हूँ - डी. के. निवातिया
डी. के. निवातिया
आसमां में चाँद छुपकर रो रहा है क्यूँ भला..?
आसमां में चाँद छुपकर रो रहा है क्यूँ भला..?
पंकज परिंदा
श्री राम‌
श्री राम‌
Mahesh Jain 'Jyoti'
ज्ञान प्रकृति का हम पाएं
ज्ञान प्रकृति का हम पाएं
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
बड़ा रोग
बड़ा रोग
Sudhir srivastava
मम्मी का ग़ुस्सा.
मम्मी का ग़ुस्सा.
Piyush Goel
★गहने ★
★गहने ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
یہ وہ وقت ہے
یہ وہ وقت ہے
Otteri Selvakumar
ज़िंदगी जीने के लिये क्या चाहिए.!
ज़िंदगी जीने के लिये क्या चाहिए.!
शेखर सिंह
गम खास होते हैं
गम खास होते हैं
ruby kumari
लड़की होना,क्या कोई कसूर है?
लड़की होना,क्या कोई कसूर है?
Priya princess panwar
"मानव-धर्म"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
#अंतिम_उपाय
#अंतिम_उपाय
*प्रणय*
आसमां पर घर बनाया है किसी ने।
आसमां पर घर बनाया है किसी ने।
डॉ.सीमा अग्रवाल
कड़वाहट के मूल में,
कड़वाहट के मूल में,
sushil sarna
मैं साहिल पर पड़ा रहा
मैं साहिल पर पड़ा रहा
Sahil Ahmad
*आत्मा की वास्तविक स्थिति*
*आत्मा की वास्तविक स्थिति*
Shashi kala vyas
झूठा फिरते बहुत हैं,बिन ढूंढे मिल जाय।
झूठा फिरते बहुत हैं,बिन ढूंढे मिल जाय।
Vijay kumar Pandey
श्री कृष्ण जन्माष्टमी
श्री कृष्ण जन्माष्टमी
Neeraj Agarwal
भीतर से तो रोज़ मर ही रहे हैं
भीतर से तो रोज़ मर ही रहे हैं
Sonam Puneet Dubey
झुलनिया कहां गिरवलू
झुलनिया कहां गिरवलू
Shekhar Chandra Mitra
3619.💐 *पूर्णिका* 💐
3619.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
कौन यहाँ पढ़ने वाला है
कौन यहाँ पढ़ने वाला है
Shweta Soni
गुजर गया कोई
गुजर गया कोई
Surinder blackpen
बात करोगे तो बात बनेगी
बात करोगे तो बात बनेगी
Shriyansh Gupta
Loading...