जब योगी गाय चरायेँगे
बेशक अच्छे दिन आएँगे
जब योगी गाय चराएँगे
ये पंक्षी जो चुप बैठे हैँ
बादल से मिलने जाएँगे
पापा जब माँ को डाटेँगे
हम चीखेँगे चिल्लाएँगे
सच्चे -झूठे ख्वाबोँ से अब
सब अपना दिल बहलाएँगे
-सागर यादव जख्मी
बेशक अच्छे दिन आएँगे
जब योगी गाय चराएँगे
ये पंक्षी जो चुप बैठे हैँ
बादल से मिलने जाएँगे
पापा जब माँ को डाटेँगे
हम चीखेँगे चिल्लाएँगे
सच्चे -झूठे ख्वाबोँ से अब
सब अपना दिल बहलाएँगे
-सागर यादव जख्मी