जब भी उनसे सवाल करते हैं
जब भी उनसे सवाल करते हैं
मुंह बनाकर धमाल करते हैं
जाने क्या-क्या सवाल करते हैं
यूँ हमें वो निढाल करते हैं
आप जब अश्क़बार हैं करते
ज़िन्दगी का मलाल करते हैं
अश्क़ आँखों को दे दिये पहले
फिर वो आगे रुमाल करते हैं
और भी हमको प्यार है आता
जब हथेली पे गाल करते हैं
यूँ ही तारीफ़ हो रही अपनी
वो ज़ियादा कमाल करते हैं
क्यूँ न ‘आनन्द’ भी करे गुस्सा
आड़े-तिरछे सवाल करते हैं
– डॉ आनन्द किशोर