जब पथ हो संघर्ष वाला
फिर भी, चेहरे पर मुस्कान हो
जब पथ हो संघर्ष वाला,
समय नहीं हो हर्ष वाला l
जीवन के गलियारों में,
नहीं कोई मधुर गान हो l
फिर भी, चेहरे पर मुस्कान हो ।।
जब नहीं हो कोई सच्चा मित्र ,
धुंधले से दिखते हों सारे चित्र ।
सदाचार के मार्ग पर चाहे,
मिल रहा अपमान हो l
फिर भी ,चेहरे पर मुस्कान हो ll
जब संकट गहरा छाया हों,
अपना भी लगता पराया हो l
परिश्रम की तपिश से,
मिल रही बहुत थकान हो l
फिर भी ,चेहरे पर मुस्कान हो ll
जब सत्य थोड़ा परेशान हो,
घट रही मनुज की शान हो l
भौतिक चकाचौंध से जीवन में,
नैतिकता की नहीं पहचान हो l
फिर भी ,चेहरे पर मुस्कान हो ll
दीपाली कालरा