Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Sep 2024 · 1 min read

जब नेत्रों से मेरे मोहित हो ही गए थे

जब नेत्रों से मेरे मोहित हो ही गए थे
तो उसमें छुपी नमी का राज़ जानने की कोशिश भी कर ही लेते।
जब प्रेम मेरा स्वीकार ही चुके थे
तो मेरी भावनाओं को भी भाँप ही लेते।
कोई निंदनीय कर्म तो ये है नहीं,
पुरुषार्थ की गरिमा कम करने वाले प्रयास तो ये है नही।

1 Like · 38 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुझको खुद की दुख और पीड़ा में जीने में मजा आता है में और समझ
मुझको खुद की दुख और पीड़ा में जीने में मजा आता है में और समझ
पूर्वार्थ
कई दिन, कई महीने, कई साल गुजर जाते हैं।
कई दिन, कई महीने, कई साल गुजर जाते हैं।
जय लगन कुमार हैप्पी
"न टूटो न रुठो"
Yogendra Chaturwedi
जीवन दर्शन (नील पदम् के दोहे)
जीवन दर्शन (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
जो भी आते हैं वो बस तोड़ के चल देते हैं
जो भी आते हैं वो बस तोड़ के चल देते हैं
अंसार एटवी
प्रकाश एवं तिमिर
प्रकाश एवं तिमिर
Pt. Brajesh Kumar Nayak
3452🌷 *पूर्णिका* 🌷
3452🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
जालोर के वीर वीरमदेव
जालोर के वीर वीरमदेव
Shankar N aanjna
जिंदगी गुज़र जाती हैं
जिंदगी गुज़र जाती हैं
Neeraj Agarwal
तुम भी पत्थर
तुम भी पत्थर
shabina. Naaz
“शादी के बाद- मिथिला दर्शन” ( संस्मरण )
“शादी के बाद- मिथिला दर्शन” ( संस्मरण )
DrLakshman Jha Parimal
" कभी "
Dr. Kishan tandon kranti
सफर पर चला था इस भ्रम में कि सभी साथ होंगे वक्त बेवक्त मेरे
सफर पर चला था इस भ्रम में कि सभी साथ होंगे वक्त बेवक्त मेरे
VINOD CHAUHAN
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
*आए फोटो में नजर, खड़े हुए बलवान (हास्य कुंडलिया)*
*आए फोटो में नजर, खड़े हुए बलवान (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जीने का हक़!
जीने का हक़!
कविता झा ‘गीत’
"किसी की याद मे आँखे नम होना,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
रोला छंद :-
रोला छंद :-
sushil sarna
..
..
*प्रणय*
*असर*
*असर*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ग़ज़ल _नसीब मिल के भी अकसर यहां नहीं मिलता ,
ग़ज़ल _नसीब मिल के भी अकसर यहां नहीं मिलता ,
Neelofar Khan
*शिवोहम्*
*शिवोहम्* "" ( *ॐ नमः शिवायः* )
सुनीलानंद महंत
जीवन को पैगाम समझना पड़ता है
जीवन को पैगाम समझना पड़ता है
कवि दीपक बवेजा
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
जीवन
जीवन
Santosh Shrivastava
सफरसाज
सफरसाज
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
*नव दुर्गास्तुति* इसे गाकर पढ़े। आनंद आएगा
*नव दुर्गास्तुति* इसे गाकर पढ़े। आनंद आएगा
मधुसूदन गौतम
एक स्वच्छ सच्चे अच्छे मन में ही
एक स्वच्छ सच्चे अच्छे मन में ही
Ranjeet kumar patre
उन कचोटती यादों का क्या
उन कचोटती यादों का क्या
Atul "Krishn"
भगवान
भगवान
Anil chobisa
Loading...