Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Sep 2024 · 1 min read

जब नेत्रों से मेरे मोहित हो ही गए थे

जब नेत्रों से मेरे मोहित हो ही गए थे
तो उसमें छुपी नमी का राज़ जानने की कोशिश भी कर ही लेते।
जब प्रेम मेरा स्वीकार ही चुके थे
तो मेरी भावनाओं को भी भाँप ही लेते।
कोई निंदनीय कर्म तो ये है नहीं,
पुरुषार्थ की गरिमा कम करने वाले प्रयास तो ये है नही।

25 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"वक्त वक्त की बात"
Pushpraj Anant
मित्रता के मूल्यों को ना पहचान सके
मित्रता के मूल्यों को ना पहचान सके
DrLakshman Jha Parimal
अगर
अगर "स्टैच्यू" कह के रोक लेते समय को ........
Atul "Krishn"
இந்த உலகில்
இந்த உலகில்
Otteri Selvakumar
साँसों के संघर्ष से, देह गई जब हार ।
साँसों के संघर्ष से, देह गई जब हार ।
sushil sarna
*कविवर डॉ. महेश मधुकर (कुंडलिया)*
*कविवर डॉ. महेश मधुकर (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
चापड़ा चटनी
चापड़ा चटनी
Dr. Kishan tandon kranti
सुभद्रा कुमारी चौहान जी की वीर रस पूर्ण कालजयी कविता
सुभद्रा कुमारी चौहान जी की वीर रस पूर्ण कालजयी कविता
Rituraj shivem verma
सुर तेरा मेरा
सुर तेरा मेरा
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*प्रणय प्रभात*
నేటి ప్రపంచం
నేటి ప్రపంచం
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
सुबह आंख लग गई
सुबह आंख लग गई
Ashwani Kumar Jaiswal
सोच
सोच
Shyam Sundar Subramanian
"सुविधाओं के अभाव में रह जाते हैं ll
पूर्वार्थ
عزت پر یوں آن پڑی تھی
عزت پر یوں آن پڑی تھی
अरशद रसूल बदायूंनी
जागता हूँ मैं दीवाना, यादों के संग तेरे,
जागता हूँ मैं दीवाना, यादों के संग तेरे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
आर.एस. 'प्रीतम'
हर दिल खूबसूरत है
हर दिल खूबसूरत है
Surinder blackpen
*आँसू मिलते निशानी हैं*
*आँसू मिलते निशानी हैं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हवस अपनी इंतहा पार कर गई ,
हवस अपनी इंतहा पार कर गई ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
गम और खुशी।
गम और खुशी।
Taj Mohammad
कमरा उदास था
कमरा उदास था
Shweta Soni
आओ कष्ट मिटा देंगे सारे बाबा।
आओ कष्ट मिटा देंगे सारे बाबा।
सत्य कुमार प्रेमी
मनुष्य भी जब ग्रहों का फेर समझ कर
मनुष्य भी जब ग्रहों का फेर समझ कर
Paras Nath Jha
कजरी (वर्षा-गीत)
कजरी (वर्षा-गीत)
Shekhar Chandra Mitra
नम आंखों से ओझल होते देखी किरण सुबह की
नम आंखों से ओझल होते देखी किरण सुबह की
Abhinesh Sharma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
सदपुरुष अपना कर्तव्य समझकर कर्म करता है और मूर्ख उसे अपना अध
सदपुरुष अपना कर्तव्य समझकर कर्म करता है और मूर्ख उसे अपना अध
Sanjay ' शून्य'
फूल या कांटे
फूल या कांटे
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
Loading...