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11 Jun 2023 · 1 min read

जब दर्द न था,

जब दर्द न था,
जिंदगी का पता न था ।
अब लंबी उम्र की दुआ ,
ख़ौफ़ज़दा करती है ।
अपनी मर्ज़ी से मैं,
न आया, न जाऊँगा ।
होगी विदाई बिना मर्जी ।
पुकारता हूँ तो वो नहीं सुनता ,
क्यों आवाज़ दूं उसे ,ए जिंदगी ।
दिखलाके आइना ,
चेहरा उसे दिखाए कोई ।
सुनते है बड़ा मोम है ।

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