जब तुम नहीं कुछ माॅंगते हो तो ज़िंदगी बहुत कुछ दे जाती है।
जब तुम नहीं कुछ माॅंगते हो तो ज़िंदगी बहुत कुछ दे जाती है।
और ज़रूरत होती है जब तुझे तो बस इंतज़ार करवाती है…
नहीं समझ पाओगे ऊपरवाले के रचे अनूठे इस खेल को,
वो जीवन के हर मोड़ पे धैर्य व संयम की परीक्षा दिलवाती है।
…. अजित कर्ण ✍️