जब तक है जान!
जब तक है जान!
ख्वाबों की खेती करनी होगी,
अपनों की कश्ती खेनी होगी,
चाँद को चाव से तकना होगा,
दिल के हर घाव को भरना होगा,
काँटो पर हँसकर चलना होगा,
गुलों की चोट से भी डरना होगा,
सब कुछ करना होगा,
जब तक है जान, जब तक है जान!
रास्तों की चापलूसी करनी होगी,
मंज़िलों की जासूसी करनी होगी,
मशक्कत की शहनाई बजानी होगी,
इरादों की जमकर धुनाई करनी होगी,
मोहब्बत के धनक को कैद करना होगा,
सितारों की गिन्नियों को गिनना होगा,
सब कुछ करना होगा,
जब तक है जान,जब तक है जान!
आँसुओं का शरबत पीना होगा,
ज़ख्मों का सीना भी सीना होगा,
मौसम के मिजाज़ को समझना होगा,
हवाओं की हस्ती को भी परखना होगा,
उड़ते परिंदों की परवाज़ को भांपना होगा,
उम्र के नीले फलक को मुसलसल नापना होगा,
सब कुछ करना होगा,तनिक भी ना डरना होगा,
वक़्त के साथ-साथ खुद को बदलना होगा,
यूँही जीना ज़िंदगी का चढ़ना होगा,
जब तक है जान,जब तक है जान,जब तक है जान!
Sonal Nirmmal Nammita