Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Oct 2024 · 1 min read

जब तक हमारे अंदर संदेह है तब तक हम विश्वास में नहीं उतर सकते

जब तक हमारे अंदर संदेह है तब तक हम विश्वास में नहीं उतर सकते, उसके लिए हमें जागरूक होना होगा, ध्यान केंद्रित करना होगा, प्रेम के पथ पर चलना होगा।
~ रविकेश झा

26 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हमने बस यही अनुभव से सीखा है
हमने बस यही अनुभव से सीखा है
कवि दीपक बवेजा
"बातों से पहचान"
Yogendra Chaturwedi
ये ढलती शाम है जो, रुमानी और होगी।
ये ढलती शाम है जो, रुमानी और होगी।
सत्य कुमार प्रेमी
56…Rajaz musaddas matvii
56…Rajaz musaddas matvii
sushil yadav
जिंदगी हमेशा इम्तिहानों से भरा सफर है,
जिंदगी हमेशा इम्तिहानों से भरा सफर है,
Mamta Gupta
मेरे हमदर्द मेरे हमराह, बने हो जब से तुम मेरे
मेरे हमदर्द मेरे हमराह, बने हो जब से तुम मेरे
gurudeenverma198
जिन रिश्तों को बचाने के लिए या अपनी ज़िंदगी मे उनके बने रहने
जिन रिश्तों को बचाने के लिए या अपनी ज़िंदगी मे उनके बने रहने
पूर्वार्थ
*अंतिम प्रणाम ..अलविदा #डॉ_अशोक_कुमार_गुप्ता* (संस्मरण)
*अंतिम प्रणाम ..अलविदा #डॉ_अशोक_कुमार_गुप्ता* (संस्मरण)
Ravi Prakash
ये फुर्कत का आलम भी देखिए,
ये फुर्कत का आलम भी देखिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
देखते देखते मंज़र बदल गया
देखते देखते मंज़र बदल गया
Atul "Krishn"
विचार, संस्कार और रस [ दो ]
विचार, संस्कार और रस [ दो ]
कवि रमेशराज
ए चांद आसमां के मेरे चांद को ढूंढ ले आ,
ए चांद आसमां के मेरे चांद को ढूंढ ले आ,
इंजी. संजय श्रीवास्तव
जीवन सुंदर खेल है, प्रेम लिए तू खेल।
जीवन सुंदर खेल है, प्रेम लिए तू खेल।
आर.एस. 'प्रीतम'
उस रावण को मारो ना
उस रावण को मारो ना
VINOD CHAUHAN
"एहसानों के बोझ में कुछ यूं दबी है ज़िंदगी
गुमनाम 'बाबा'
मौहब्बत अक्स है तेरा इबादत तुझको करनी है ।
मौहब्बत अक्स है तेरा इबादत तुझको करनी है ।
Phool gufran
2994.*पूर्णिका*
2994.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सब धरा का धरा रह जायेगा
सब धरा का धरा रह जायेगा
Pratibha Pandey
जीवन पथ पर सब का अधिकार
जीवन पथ पर सब का अधिकार
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
प्राण प्रतीस्था..........
प्राण प्रतीस्था..........
Rituraj shivem verma
" अकाल्पनिक मनोस्थिति "
Dr Meenu Poonia
#सुप्रभात-
#सुप्रभात-
*प्रणय*
बड़ी अदा से बसा है शहर बनारस का
बड़ी अदा से बसा है शहर बनारस का
Shweta Soni
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
Sonam Puneet Dubey
स्वर्ग से सुंदर समाज की कल्पना
स्वर्ग से सुंदर समाज की कल्पना
Ritu Asooja
आहों का अब असर देखेंगे।
आहों का अब असर देखेंगे।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
छोटे दिल वाली दुनिया
छोटे दिल वाली दुनिया
ओनिका सेतिया 'अनु '
जीवन की विफलता
जीवन की विफलता
Dr fauzia Naseem shad
"हॉकी के जादूगर"
Dr. Kishan tandon kranti
माँ
माँ
Dr Archana Gupta
Loading...