जब चांद चमक रहा था मेरे घर के सामने
जब चांद चमक रहा था मेरे घर के सामने
आसमान पर
मैंने कहा दोनों हाथ बुलंद कर के या खुदा तू जिंदगी भी ऐसी ही रौशन कर दे
जब चांद चमक रहा था मेरे घर के सामने
आसमान पर
मैंने कहा दोनों हाथ बुलंद कर के या खुदा तू जिंदगी भी ऐसी ही रौशन कर दे