“जब ख्वाबों की पंखुड़ियाँ टूट जाती हैं”
जब रूह के अंदर दर्द का संगीत छलकता है,
जब आँखों से आंसू बारिश की तरह टपकता है,
जब दिल में जलती हैं रौशनी की जगमगाहटें,
तब दर्द भरी कविता की आवाज उठती है।
मन के रंगीन फूल जब खिलने के बजाय मुरझाते हैं,
जब जीवन के रंग धूसर हो जाते हैं,
जब हर साँस लेने में गहरा संघर्ष होता है,
तब दर्द भरी कविता की आवाज सुनाई पड़ती है।
जब ख्वाबों की पंखुड़ियाँ टूट जाती हैं,
जब आशा के सितारे आँधियों में खो जाते हैं,
जब तनहा राहों पर क़दम थक जाते हैं,
तब दर्द भरी कविता की आवाज ऊँची होती है।
ये दर्द की कविता मेरी आंखों से रिस उठी है,
मेरे दिल के अंदर का आग जल उठी है,
ये शब्दों का समंदर बहुत गहरा है,
तब दर्द भरी कविता की आवाज गूँजती है।
प्यार की कहानियों के सपने टूट जाते हैं,
ज़िंदगी के सभी मौसम अचानक बदल जाते हैं,
पर इस दर्द भरी कविता में एक उम्मीद बाकी हैं।