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5 Jan 2018 · 1 min read

जब कोहरे को चीर कर , जरा निकलती धूप

जब कोहरे को चीर कर , जरा निकलती धूप
दिख जाता है भोर का,निखरा निखरा रूप
निखरा निखरा रूप, सुहाना मन को लगता
सर्दी का आनन्द,पहाड़ों जैसा मिलता
हो जाती सुनसान, ‘अर्चना’ सड़कें भी अब
ठिठुरी ठिठुरी शाम, ओढ़ लेती कोहरा जब

05-01-2018
डॉ अर्चना गुप्ता

1 Like · 343 Views
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