जब कोई शब् मेहरबाँ होती है ।
जब कोई शब् मेहरबाँ होती है ।
तो हया वस्ल में कहाँ होती है ।
सिर्फ सांसें ही बात करती हैं –
और धड़कन बेज़ुबाँ होती है ।
सुशील सरना
जब कोई शब् मेहरबाँ होती है ।
तो हया वस्ल में कहाँ होती है ।
सिर्फ सांसें ही बात करती हैं –
और धड़कन बेज़ुबाँ होती है ।
सुशील सरना