सिर्फ तुम होते हो
जब कोई नहीं होता पास, सिर्फ तुम होते हो
मेरी जिंदगी की हर दास्तां सुनने वाले सिर्फ तुम होते हो…..
जब भी राह में खड़ी हुई अड़चने हजार
मेरी नौका पार करने वाले सिर्फ तुम होते हो…..
इस जमाने ने जुल्म किया मुझपे बहुत खूब
मुझसे बेपनाह मोहब्बत करने वाले सिर्फ तुम होते हो……
जब पस्त हुए हौसले मेरे दिल के
मेरी हिम्मत को सहारा देने वाले सिर्फ तुम होते हो……..
जब डगमगाकर भटकने लगता हूं पथ से
मेरी मंजिल को सहारा देने वाले सिर्फ तुम होते हो ……
हाल ए दिल तुमसे बयां करूं या ना करूं
फिर भी मुझे खुद से ज्यादा जानने वाले सिर्फ तुम होते हो…….
जब कोई नहीं होता पास, तुम होते हो
मेरी जिंदगी की हर दास्तां सुनने वाले तुम होते हो……..
– कृष्ण सिंह
मेरे बारे में….
मेरा नाम “कृष्ण सिंह” है । मैं सरकारी जॉब में हूँ । हरियाणा के रेवाड़ी जिले के छोटे से गांव में रहता हूँ । कविता अपने लिये लिखता हूं, लेकिन औरों से बाटने में आनन्द की अनुभूति होती है । प्रथम कविता 02 फरवरी 2022 में अमर उजाला अखबार के “मेरे अल्फ़ाज़” ब्लॉग में “कुछ कहने का दिल है आज बहुत दिनों के बाद” शीर्षक से प्रकाशित हुई है। तभी से लिखने की एक नई दिशा मिली हैं । आपके अमुल्य प्रतिकिया के सदैव इन्तजार में… कृष्ण सिंह’…. आप मुझसे बात यहाँ कर सकते …. आप चाहे तो अपना नाम और e-mail id भी दे सकते है ।