जब किसी को प्यार हो जाता है
जब किसी को प्यार हो जाता है
*************************
जब किसी को प्यार हो जाता है
वह बिल्कुल बेकार हो जाता है
सूझती न बात सिवाय मुलाकात
जैसे सपना साकार हो जाता है
दिल का मरीज आशिकी बनाए
प्रेम में वह बीमार हो जाता है
खोया रहता ख्वाबों में दिन रात
दिलदार का दीदार हो जाता है
लगती नहीं है कभी भूख प्यास
दीवानगी का खुमार हो जाता है
होशोहवास में कभी रहता नहीं
वही उसका संसार हो जाता है
सुखविन्द्र बेचैनी में चैन कहाँ
खुद से दूर परिवार हो जाता है
************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)