जब किसी एक को रिहा किया जाए
जब किसी एक को रिहा किया जाए
सब असीरों से मशवरा किया जाए
रह लिया जाए अपने होने पर
अपने मरने पे हौसला किया जाए
इश्क़ करने में क्या बुराई है
हाँ किया जाए बारहा किया जाए
मेरा इक यार सिंध के उस पार
ना-ख़ुदाओं से राब्ता किया जाए
मेरी नक़लें उतारने लगा है
आईने का बताओ क्या किया जाए
ख़ामुशी से लदा हुआ इक पेड़
इस से चल कर मुकालिमा किया जाए
Vishal babu..✍️✍️