जब कभी भी मुझे महसूस हुआ कि जाने अनजाने में मुझसे कोई गलती ह
जब कभी भी मुझे महसूस हुआ कि जाने अनजाने में मुझसे कोई गलती हुई है तो मैं माफ़ी माँगने में देर नहीं करती बिना किसी झिझक के मैं माफ़ी मांग लेती हूँ।।और जब लोग मुझसे अपने किसी गलती के लिए माफ़ी मागंते हैं तो मैं उनको भी सहज होकर माफ कर दिया करती हूँ, पर मेरी एक आदत रही माफी के बाद मैं रुकती नही आगे बढ़ जाती हूँ हर बार, मेरा मन उनको माफ कर देता है लेकिन ये किसी को दोबारा से गले नही पाता ये इसकी खूबी है या खामी मुझे आजतक समझ नहीं आया ।।