जब अपने ही कदम उलझने लगे अपने पैरो में
जब अपने ही कदम उलझने लगे अपने पैरो में
तब रास्तों को परखना भी बहुत जरुरी होता है
उलझी हुई कुछ डोरियों को कोई सुलझाने लगे
तब उन इरादों का इम्तिहाँ बेहद जरुरी होता है
©®-‘अशांत’ शेखर
18/03/2023
जब अपने ही कदम उलझने लगे अपने पैरो में
तब रास्तों को परखना भी बहुत जरुरी होता है
उलझी हुई कुछ डोरियों को कोई सुलझाने लगे
तब उन इरादों का इम्तिहाँ बेहद जरुरी होता है
©®-‘अशांत’ शेखर
18/03/2023