जबसे हम चार पैसे कमाने लगे हैं
सर आंखों पर सब बिठाने लगें हैं ,
जबसे हम चार पैसे कमाने लगे हैं ।
सबको रुपए कर्जा उधार चाहिए
लाख तो किसी को हजार चाहिए
गलती से एकबार दे दिया जाय तो
हर मौके पर रूपए बार बार चाहिए
गैर भी मेहमानों सा बुलाने लगे हैं
जबसे हम चार पैसे कमाने लगे हैं।
रुपए लेकर वापस नहीं करते कभी
मांगने पर हजार बहाना करते सभी
लड़ाई, झगड़ा बात बिगड़ जाता है
बोलते झूठ कहते पैसे नहीं है अभी
मेरे ही चक्कर में जमाने लगे हैं
जबसे हम चार पैसे कमाने लगे हैं
कुछ नाराज कुछ उदास हो रहे
कुछ दूर तो कुछ पास हो रहे हैं
जमाने का नज़रिया बदल जाता है
कुछ गैर तो कुछ खास हों रहे हैं
लोगों का व्यवहार उलझाने लगें हैं
जब हम चार पैसे कमाने लगे हैं।
नूर फातिमा खातून नूरी
जिला -कुशीनगर
उत्तर प्रदेश