Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jun 2024 · 1 min read

जबसे हम चार पैसे कमाने लगे हैं

सर आंखों पर सब बिठाने लगें हैं ,
जबसे हम चार पैसे कमाने लगे हैं ।

सबको रुपए कर्जा उधार चाहिए
लाख तो किसी को हजार चाहिए
गलती से एकबार दे दिया जाय तो
हर मौके पर रूपए बार बार चाहिए

गैर भी मेहमानों सा बुलाने लगे हैं
जबसे हम चार पैसे कमाने लगे हैं।

रुपए लेकर वापस नहीं करते कभी
मांगने पर हजार बहाना करते सभी
लड़ाई, झगड़ा बात बिगड़ जाता है
बोलते झूठ कहते पैसे नहीं है अभी

मेरे ही चक्कर में जमाने लगे हैं
जबसे हम चार पैसे कमाने लगे हैं

कुछ नाराज कुछ उदास हो रहे
कुछ दूर तो कुछ पास हो रहे हैं
जमाने का नज़रिया बदल जाता है
कुछ गैर तो कुछ खास हों रहे हैं

लोगों का व्यवहार उलझाने लगें हैं
जब हम चार पैसे कमाने लगे हैं।

नूर फातिमा खातून नूरी
जिला -कुशीनगर
उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
16 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
एक गुजारिश तुझसे है
एक गुजारिश तुझसे है
Buddha Prakash
अगर ये न होते
अगर ये न होते
Suryakant Dwivedi
शिक्षकों को प्रणाम*
शिक्षकों को प्रणाम*
Madhu Shah
चलो रे काका वोट देने
चलो रे काका वोट देने
gurudeenverma198
शांति युद्ध
शांति युद्ध
Dr.Priya Soni Khare
कभी मिले नहीं है एक ही मंजिल पर जानें वाले रास्तें
कभी मिले नहीं है एक ही मंजिल पर जानें वाले रास्तें
Sonu sugandh
आ गया है मुस्कुराने का समय।
आ गया है मुस्कुराने का समय।
surenderpal vaidya
I'm not proud
I'm not proud
VINOD CHAUHAN
One of the biggest red flags in a relationship is when you h
One of the biggest red flags in a relationship is when you h
पूर्वार्थ
वो हर खेल को शतरंज की तरह खेलते हैं,
वो हर खेल को शतरंज की तरह खेलते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*मौहब्बत सीख ली हमने, तुम्हारे साथ यारी में (मुक्तक)*
*मौहब्बत सीख ली हमने, तुम्हारे साथ यारी में (मुक्तक)*
Ravi Prakash
3285.*पूर्णिका*
3285.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
माँ का अछोर आंचल / मुसाफ़िर बैठा
माँ का अछोर आंचल / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
जब जब तुम्हे भुलाया
जब जब तुम्हे भुलाया
Bodhisatva kastooriya
कुछ नमी अपने
कुछ नमी अपने
Dr fauzia Naseem shad
खुद से रूठा तो खुद ही मनाना पड़ा
खुद से रूठा तो खुद ही मनाना पड़ा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
आशीर्वाद
आशीर्वाद
Dr Parveen Thakur
बावला
बावला
Ajay Mishra
-शेखर सिंह
-शेखर सिंह
शेखर सिंह
"खुशी"
Dr. Kishan tandon kranti
निरंतर प्रयास ही आपको आपके लक्ष्य तक पहुँचाता hai
निरंतर प्रयास ही आपको आपके लक्ष्य तक पहुँचाता hai
Indramani Sabharwal
आसमां से आई
आसमां से आई
Punam Pande
संगीत................... जीवन है
संगीत................... जीवन है
Neeraj Agarwal
बाल कविता : काले बादल
बाल कविता : काले बादल
Rajesh Kumar Arjun
हिंदी माता की आराधना
हिंदी माता की आराधना
ओनिका सेतिया 'अनु '
कोरोना - इफेक्ट
कोरोना - इफेक्ट
Kanchan Khanna
!! दिल के कोने में !!
!! दिल के कोने में !!
Chunnu Lal Gupta
मनमीत
मनमीत
लक्ष्मी सिंह
ग़ज़ल-दर्द पुराने निकले
ग़ज़ल-दर्द पुराने निकले
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
सत्ता में वापसी के बाद
सत्ता में वापसी के बाद
*प्रणय प्रभात*
Loading...