Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2022 · 2 min read

*”जबसे तुमने कुछ कहा है”*

“जब से तुमने कहा है”
नजरों से नजरें मिल गई जबसे तुम्हें देखा है,
नैनों में ख्वाब सजाए हुए प्रीत की डोरी में
बांधे रखा है।
अंतर्मन में बसे हुए हो तुम ,दिल की धड़कन साँसों में थामे रखा है।
कुछ कहते कुछ सुनते तुमसे ,कर्म पथ पर चलकर कदम उठाए रखा है।
जब से तुमने कुछ कहा है…!!
सुख दुःख ताने बाने ,लाभ हानि ,पाप पुण्य,
इधर उधर जब मन भटके डांवाडोल होवे ,
जीवन की बागडोर संभाल कर ,
असंतुलित मन को संतुलित कर समझाया है।
जबसे तुमने कुछ कहा है…!!
भावनाओं में छलकता ये बावरा मन क्यों,
निस्वार्थ भाव से सेवा समर्पण चेतन मन से धैर्य बंधाया है।
ताने बाने से उलझता ये जीवन ,
शांत चित्त आसान तरीका अपनाया है।
कर्म ही जीवन कर्म बंधन में डिगे रहना है।
जबसे तुमने कुछ कहा है …! !
दिल में जो आरजू थी उसे पूरा करते हुए ,
उचित समय में सलाह मशवरा देके
ज्ञान मार्ग दर्शन सबक सिखाया है।
कौन क्या कह रहा क्या कर रहा ,
उससे ध्यान हटाकर जीने की तमन्ना जगा
जीवन सुधार दिया है।
उन पलों को जो विकट स्थिति में समस्या
खड़ी हो गई हौसला अफजाई किया है।
जबसे तुमने कुछ कहा है…! !
रुकती थमती थकान भरी जिंदगी में ,
राहों में कंटक मार्ग मिल गए थे
उन हर कष्टों को दूर कर ,फूलों की तरह से
जीवन बगिया महकाये रखा है।
चमकते चाँद सितारों की तरह रोशन जीवन ,
सिर्फ तुम्हारा ही सहारा लिए ,ईश्वर रूप धारण किये रखा है।
एक दूजे के साथ चलकर मुस्कराते हुए ,
आस लगाए आस्था विश्वास की ज्योति जलाये रखा है।
जबसे तुमने कुछ कहा है..! !
गर हमसफ़र का साथ हो समझदार हो ,
सात फेरे सातों वचनों को निभाते हुए
जीवनसाथी तुम्हें चुन लिया है।
नई पीढ़ी नए विचार धारा से नियम बद्व,
हरदम साथ चलने का सच्चा वादा पूरा किया है।
नेक काम सच्चे अर्थों में जीवन सफलता की ओर आकर्षित किया है।
अकेलापन तन्हाइयों में भयभीत रहते ,
उन खालीपन को भीतर से निडर होकर हिम्मत दिया है।
जबसे तुमने कुछ कहा है…! !
कठिन परिश्रम ईमानदारी से कर्त्तव्य करते ,
विपरीत परिस्थितियों में भी मुस्कराते हुए
चेहरों से संबल प्रदान किया है।
हर किसी बात का सरल उपाय निकाल कर,
नई दिशा में खुशहाली जीवन जीने का अंदाज बदल दिया है।
जबसे तुमने कुछ कहा है….! !

शशिकला व्यास
स्वरचित मौलिक रचना

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 284 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
International Camel Year
International Camel Year
Tushar Jagawat
इस उजले तन को कितने घिस रगड़ के धोते हैं लोग ।
इस उजले तन को कितने घिस रगड़ के धोते हैं लोग ।
Lakhan Yadav
कोई वजह अब बना लो सनम तुम... फिर से मेरे करीब आ जाने को..!!
कोई वजह अब बना लो सनम तुम... फिर से मेरे करीब आ जाने को..!!
Ravi Betulwala
नौ वर्ष(नव वर्ष)
नौ वर्ष(नव वर्ष)
Satish Srijan
दिल का आलम
दिल का आलम
Surinder blackpen
पलकों पे सपने लिए, लाँघे जब दहलीज।
पलकों पे सपने लिए, लाँघे जब दहलीज।
डॉ.सीमा अग्रवाल
तुझसे उम्मीद की ज़रूरत में ,
तुझसे उम्मीद की ज़रूरत में ,
Dr fauzia Naseem shad
..
..
*प्रणय*
लड़कियों के प्रति आकर्षण प्राकृतिक और स्वाभाविक होता है जिसम
लड़कियों के प्रति आकर्षण प्राकृतिक और स्वाभाविक होता है जिसम
Rj Anand Prajapati
प्यार में पड़े किसी इंसान की दो प्रेमिकाएं होती हैं,
प्यार में पड़े किसी इंसान की दो प्रेमिकाएं होती हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
लगे मुझको वो प्यारा जानता है
लगे मुझको वो प्यारा जानता है
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
काली स्याही के अनेक रंग....!!!!!
काली स्याही के अनेक रंग....!!!!!
Jyoti Khari
!! परदे हया के !!
!! परदे हया के !!
Chunnu Lal Gupta
122 122 122 12
122 122 122 12
SZUBAIR KHAN KHAN
यह मौसम और कुदरत के नज़ारे हैं।
यह मौसम और कुदरत के नज़ारे हैं।
Neeraj Agarwal
मेरे नयनों में जल है।
मेरे नयनों में जल है।
Kumar Kalhans
मरना कोई नहीं चाहता पर मर जाना पड़ता है
मरना कोई नहीं चाहता पर मर जाना पड़ता है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
दोहा त्रयी. . . शीत
दोहा त्रयी. . . शीत
sushil sarna
ଏଭଳି ସ୍ଥିତି ଉପୁଜିଛି
ଏଭଳି ସ୍ଥିତି ଉପୁଜିଛି
Otteri Selvakumar
*ट्रस्टीशिप : सनातन वैराग्य दर्शन का कालजयी विचार*
*ट्रस्टीशिप : सनातन वैराग्य दर्शन का कालजयी विचार*
Ravi Prakash
रोज रात जिन्दगी
रोज रात जिन्दगी
Ragini Kumari
काश ! ! !
काश ! ! !
Shaily
तनाव ना कुछ कर पाने या ना कुछ पाने की जनतोजहत  का नही है ज्य
तनाव ना कुछ कर पाने या ना कुछ पाने की जनतोजहत का नही है ज्य
पूर्वार्थ
कब भोर हुई कब सांझ ढली
कब भोर हुई कब सांझ ढली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
श्रीराम अयोध्या में पुनर्स्थापित हो रहे हैं, क्या खोई हुई मर
श्रीराम अयोध्या में पुनर्स्थापित हो रहे हैं, क्या खोई हुई मर
Sanjay ' शून्य'
4602.*पूर्णिका*
4602.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बचपन याद किसे ना आती💐🙏
बचपन याद किसे ना आती💐🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हे अजन्मा,तेरा कैसे जन्म होगा
हे अजन्मा,तेरा कैसे जन्म होगा
Keshav kishor Kumar
"पैमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
अपना पन तो सब दिखाते है
अपना पन तो सब दिखाते है
Ranjeet kumar patre
Loading...