जन्म से मृत्यु तक भारत वर्ष मे संस्कारों का मेला है
जन्म से मृत्यु तक भारत वर्ष मे संस्कारों का मेला है
बना ले जीवन मूल्य मातृभूमि पर वरना तू अकेला है
धन बल तेरा किस काम का मिट्टी मे मिल जायेगा
कर्म भूमि पर हसमुख प्यारे नाम तेरा हो जायेगा
कितने आये गए यहाँ से प्यारे नाम हि शेष रहा है
तुझको भी हसमुख् अपना इक इतिहास रचना हैं
मत मार कुल्हाड़ी वृक्षो पर वो जीवन का आधार हैं
तुझको जीना हैं हसमुख प्यारे और कर्मशील बनना है
अज्ञानी को ज्ञान देकर अंधकार और भय मिटाना हैं
गौमाता कि रक्षा कर हसमुख जीवन मूल्य बनाना हैं
भारत भूमि मे जनम तेरा जहाँ संस्कारों का मेला है
उत्तर से दक्षिण तक हसमुख गंगाजल का रेला हैं
जन्म से मृत्यु तक भारत वर्ष मे संस्कारों का मेला है
बना ले जीवन मूल्य मातृभूमि पर वरना तू अकेला है