जन्म : (मुक्तक)
जन्म : (मुक्तक)
———————————————————
एक किरण जो अभी अभी है उदित जगत में आई
भरी हुई उल्लास अनगिनत आशाओं से छाई
जग नूतन हो गया नई वह सूर्य-किरण जब पाई
जन्म लिया तुमने धरती पर प्रभु! सौ बार बधाई
——————————————————–
रचयिता : रवि प्रकाश
——————————————————-
(रचना 14-6-14 प्रात:)