जन्म मरण न जीवन है।
जन्म मरण न जीवन है।
जीवन उससे भी ऊपर है।
अपने भाषा का मीमांसा का।
नित चिर चिंतन मनन और ध्यान करें।
जीवन वह नही जो है हम धरा पर जिए।
बल्कि जीवन तो वह है।
जो मरने के बाद भी लोग हमें पढ़ा करें।
RJ Anand Prajapati
जन्म मरण न जीवन है।
जीवन उससे भी ऊपर है।
अपने भाषा का मीमांसा का।
नित चिर चिंतन मनन और ध्यान करें।
जीवन वह नही जो है हम धरा पर जिए।
बल्कि जीवन तो वह है।
जो मरने के बाद भी लोग हमें पढ़ा करें।
RJ Anand Prajapati