जन्म-जन्म का प्यार
बैठी रहो
बैठी रहो
तुम ऐसी ही
बैठी रहो
घंटों नहीं
सदियों तक
बस ऐसी ही
बैठी रहो…
(१)
यह शाम
यह तनहाई
मुझे अच्छी
लग रही है
यह बदली
यह पुरवाई
मुझे अच्छी
लग रही है
तकती रहो
तकती रहो
तुम ऐसी ही
तकती रहो
घंटों नहीं,
सदियों तक
बस ऐसी ही
तकती रहो…
(२)
चंदा के
अनलिखे गीत
तारों के
अनसुने गीत
प्यार में
अपने भिंगोकर
परियों के
अनगाए गीत
गाती रहो
गाती रहो
तुम ऐसी ही
गाती रहो
घंटों नहीं
सदियों तक
बस ऐसी ही
गाती रहो….
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)