जन्माष्टमी
कृष्ण जन्म
दुःशासन घर – घर जन्मे हैं ..
कंस ने लिय हर घर अवतार
शकुनि भाईयों में पनपे हैं ..
कौन करे अब बेड़ा पार ?
हर खेल में होता है रमल,
हर जगह होता द्रौपदी चीर हरण
सद् कर्मों पर ना कोई है अमल ।
कृष्ण तुम्हें आना होगा ।
माणिक्य
कृष्ण जन्म
दुःशासन घर – घर जन्मे हैं ..
कंस ने लिय हर घर अवतार
शकुनि भाईयों में पनपे हैं ..
कौन करे अब बेड़ा पार ?
हर खेल में होता है रमल,
हर जगह होता द्रौपदी चीर हरण
सद् कर्मों पर ना कोई है अमल ।
कृष्ण तुम्हें आना होगा ।
माणिक्य